ज्ञान किसे कहते हैं सभी कोई व्यक्ति ध्यान के पीछे पागल है भिन्न-भिन्न प्रकार के आंख मूंद के बैठने का नाम लोग ध्यान समझ लेते हैं कोई मंत्र जाप करके ध्यान समझता है कोई किसी भी प्रकार का आगमन के प्राणायाम करके ध्यान समझता है और ध्यान के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के नामकरण करके लोगों को कहा जाता है ऐसे करने से ध्यान वैसे करने से ध्यान उस प्रकार का पद्मासन में बैठने की आंख मूंदने से ध्यान वज्रासन में बैठकर आंख बंद करना ध्यान इस प्रकार बहुत सारे पद्धति प्रक्रिया और परंपरा के अनुसार लोगों को ध्यान के बारे में बताया जाता है
लेकिन सच में ध्यान क्या है ध्यान कैसे किया जाता है ध्यान का प्रक्रिया क्या है ध्यान करने से क्या लाभ मिलता है किस प्रकार का ध्यान को ध्यान कहेंगे यह स्वाभाविक बात है और थी गुप्ता और गुरु विद्या है और सब को समझता से नहीं मिलता है और ध्यान का सही ज्ञान का कमी के कारण किसी भी प्रकार आंख बंद करके बैठ जाना सांसो को देखना या फिर मंत्र जाप कर लेने को जो लोग ध्यान समझते हैं इस प्रकार महीनों सालों अभ्यास करने के बावजूद भी उनको किसी भी प्रकार का फल प्राप्त नहीं हो पाता है
तो फिर ध्यान कैसे करना चाहिए ध्यान करने का विधि।
प्रीति को एकता नता ध्यानम ऐसा योग वशिष्ट सूत्र में पतंजलि सूत्र में बताया गया है यानी मन को प्रसन्न करने का उपाय ही ध्यान है यानी मन को किसी भी एक बंधु पर लगाना यह ध्यान नहीं बल्कि ध्यान का अंदर घुसने का एक माध्यम मात्र है यानी जब भी हम कहीं पर भी एक धारणा लेते हैं कोई बिंदु को लेते हैं कोई दीप को लेते हैं त्राटक करते हैं और एक जगह में बहुत समय तक अपने शरीर और मन को एकाग्र करके लगाते हैं तो हमें लगता है शायद यह मेडिटेशन है क्या यह सही विधि है
फिर कुछ लोग ध्यान के नाम पर कहीं भी किसी भी विषय पर मन में सोचते रहते हैं और आंख बंद करके रहते हैं यानी मन को जब यह कहा जाता है कि बंदर के बारे में मत सोचना मन बंदर के बारे में ज्यादा से ज्यादा सोचने लग जाता है और मन को खाली होने का पद्धति से हम लोग बस जाते हैं यानी मन खाली तो हो नहीं पाता है लेकिन मन में और गर्दा कचरा भरने लगते हैं जिसका परिणाम यह होता है ध्यान से मन हल्का होना चाहिए बल्कि ध्यान से मन और ज्यादा भारी वजन और तनाव युक्त हो जाता है फिर मेडिटेशन कैसे करना चाहिए
ध्यान करने से लाभ ध्यान करने से लाभ। ध्यान करने से मन हल्का होता है ध्यान करने से मन का भुजा हट जाता है ध्यान करने से हमारे अंदर का रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ता है ध्यान करने से हमारे जीवनी शक्ति बढ़ता है ध्यान करने से जीवन में निर्णय लेने का क्षमता बढ़ता है ध्यान करने से हमारे जीवन पर एक परम ऊर्जा बढ़ता है ध्यान करने से हमारे जीवन का कई सारे ग्रह इत्यादि का समस्या दूर हो जाता है ध्यान करने से मानसिक तनाव मानव से कैंसिल मानसिक डिप्रेशन इत्यादि रोग दूर हो जाते हैं इसलिए ध्यान को सही प्रक्रिया में समझ के ध्यान करना चाहिए
गलत ध्यान करना सबसे ज्यादा हानिकारक होता है गलत पद्धति में ध्यान करने से लोग पागल भी हो सकते हैं ध्यान करते करते तनाव बढ़ने के कारण लोग स्पॉन्डिलाइटिस जैसे बीमारी कमर दर्द जैसे बीमारी में भी घुस जाते हैं विधान करते-करते मानसिक विकृति का भी आना दिखाई देता है इसलिए सोच समझकर गुरु की आज्ञा के अनुसार गुरु के सानिध्य में ध्यान करना चाहिए ना की किसी भी यूट्यूब में या किताब पढ़कर या सुनी सुनाई बातों को विश्वास करके ध्यान कर लेना नहीं चाहिए ध्यान एक गहन पद्धति है
नाम क्या है ध्यान क्या है सबसे पहला यह समझिए ध्यान कोई करने वाला विषय नहीं है ध्यान आज तो होना विषय है ध्यान अपने आप अपने अंदर होता है जैसे आप नींद कर नहीं सकते नींद अपने आप होता है आप केवल नींद के लिए अच्छा बिस्तर अच्छा रूम और सोने का फर्क पद्धति प्रक्रिया में पढ़ते हैं और नींद अपने आप आ जाता है ठीक है ऐसा ही ध्यान है ध्यान का पद्धति प्रक्रियाओं को आप करते-करते सदन बिना किसी सूचना से आप ध्यान के अंदर प्रवेश कर जाते हैं और ध्यान नष्ट हो जाते हैं फिर ध्यान के बाद समाधि पाद आता है लेकिन यह सब जब भी करते हैं तो स्वभाविक बात है गुरु परंपरा पूर्ण ज्ञान और पूरे विश्वास के साथ इस पद्धति में ध्यान करना चाहिए 9437580589,9938727418